पीरियड्स को लेकर आज भी भारतीय समाज में लोग कई तरह के अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं जैसे इन दिनों किचन में नहीं जाना चाहिए, पौधों को पानी ना देना वगैरह। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि महावारी के समय महिलाओं को अचार नहीं छूना चाहिए नहीं तो वो खराब हो जाएगा। आज भी बहुत सी महिलाएं इस नियम का पालन करती हैं लेकिन शायद ही कोई इसके पीछे की सच्चाई से वाकिफ हो।एक्सपर्ट की मानें तो यह धारणा बिल्कुल गलत है कि पीरियड्स में अचार छूने से वो खराब हो जाता है। जबकि कुछ एक्सपर्ट इसे काफी मायनों में सही भी मानते हैं। दरअसल, पुराने जमाने में महिलाओं के पास पीरियड्स में हाइजीन रहने के साधन मौजूद नहीं थे। वह पुराना कपड़ा, पत्थर, पत्ते जैसी चीजें इस्तेमाल करती थी। वहीं, नहाने की मनाही होने के कारण उनके शरीर से बदबू भी आती थी, जिसके वजह से अचार खराब हो जाता था इसके पहले उसे छूने की मनाही होती थी। मगर, आज हाइजीन के साधन होने की वजह से महिलाएं अचार को छू सकती हैं।इस अंधविश्वास में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं कि पहले पीरियड्स में पैड लांघने से कोई महिला बांझ या नि:संतान हो सकती है। मगर, हां अगर आप इस दौरान सही पैड का इस्तेमाल नहीं करेंगे और हाइजीन का ख्याल नहीं रखेंगे तो सर्वाइकल कैंसर का शिकार जरूर हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, 62% महिलाएं आज भी पीरियड्स में कपड़े का यूज करती हैं, जिसके कारण भारत में गर्भाशय कैंसर के मामले सबसे अधिक हैं।
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